सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)


॥ दोहा ॥कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥जय सविता जय जयति दिवाकर,सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु पतंग मरीची भास्कर,सविता हंस सुनूर विभाकर॥ विवस्वान आदित्य विकर्तन,मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥ अम्बरमणि खग रवि कहलाते,वेद…